सीकर. सरकारी नौकरी से लेकर निजी कंपनियों में काम दिलाने के नाम पर ठगी का खेल लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेशभर में हर साल नौकरी के नाम पर झांसा देकर रुपए वसूलने की 200 से अधिक शिकायतें पुलिस में भी दर्ज हो रही हैं। सरकारी नौकरियों में जहां शिक्षक, सेना और रेलवे बोर्ड की भर्तियों के नाम पर ठगी हो रही है, वहीं निजी कंपनियों की बात करें तो देश से लेकर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है। इस तरह के पीडि़त युवाओं की मदद करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं का दावा है कि देशभर में एक साल में बेरोजगार युवाओं से 20 करोड़ से अधिक की ठगी होती है। कई पीडि़त युवक पुलिस तक भी पहुंचते हैं लेकिन वर्षों तक मामला जांच में ही उलझा रहता है।
इन 3 मामलों से समझें बेरोजगारों का दर्दकेस एक: नौकरी के लिए तीन लाख दिए, पुलिस को भी बतायासीकर शहर में पांच साल से शिक्षक भर्ती की तैयारी में जुटे शुभकरण सैनी पिछले ढाई साल से ठगों के खिलाफ संघर्ष कर रहे है। उन्होंने बताया कि कोचिंग के दौरान एक दोस्त ने जयपुर के कुछ युवकों से मिलाया था। उन्होंने रीट 2018 में पूरा प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ घंटे पहले पढ़ाने के नाम पर आठ लाख रुपए मांगे। तीन लाख रुपए एडवांस के तौर पर लिए। परीक्षा वाले दिन जयपुर भी बुला लिया लेकिन रातभर उन्होंने फोन नहीं उठाया। कुछ दिनों बाद सम्पर्क हुआ तो कहा कि आपके पैसे लौटा देंगे, लेकिन अभी तक राशि वापस नहीं दी है।
केस दो: रेलवे की भर्तियों में ऑनलाइन पास कराने का झांसा देकर ठगीशेखावाटी के 30 युवाओं ने पिछले साल रेलवे की परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। इस दौरान युवाओं के पास फोन आया कि ऑनलाइन परीक्षाओं का सेंटर हमारे किसी परिचित की कंपनी के पास है। विश्वास में आकर युवाओं ने एक से तीन लाख रुपए उनको दे दिए। परीक्षा के समय उन्होंने फोन ही बंद कर लिया। इसके बाद सीधे परीक्षा में पास कराने का झांसा दिया। अब पीडि़त युवक अपने पैसे वापस लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
केस तीन: एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर छह-छह हजार वसूले
पिछले साल हुए लॉकडाउन के समय सीकर, जयपुर, झुंझुनूं, अलवर सहित नौ जिलों के युवाओं से एयरपोर्ट पर लिपिक की नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से छह-छह हजार रुपए की ठगी कर ली। खास बात यह है कि ठग गिरोह के सदस्यों ने अभ्यर्थियों को एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया की जाली आईडी भी भेज दी। इसके बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बेरोजगारों के लिए बने अलग न्यायालयदेशभर में बेरोजगारों से ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सर्वे में सामने आया कि हर साल बेरोजगारों से 20 करोड़ से अधिक की ठगी होती है। न्यायालयों में भी सरकारी भर्ती से जुड़े मामले लंबित रहते हैं। सरकार को हर राज्य में बेरोजगारों के लिए अलग से न्यायालय की स्थापना करनी चाहिए। इससे बेरोजगारों के मामलों की समय पर सुनवाई हो सकेगी।
भरत बेनीवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय रोजगार संघ
ऑनलाइन अभियान : एक दिन में दर्ज हुई 40 शिकायत
बेरोजगार पीडि़त संघर्ष समिति के सदस्यों की ओर से दो दिन पहले राजस्थान में ठगी के मामलों में न्याय दिलाने के लिए विशेष ऑनलाइन अभियान चलाया गया। इसमें 40 से अधिक शिकायत दर्ज हुई है। इसमें सीकर, जयपुर, अलवर, सवाईमाधोपुर, कोटा सहित अन्य जिलों के युवाओं ने अपनी पीड़ा बताई है। इन सभी मामलों की रिपोर्ट बेरोजगार संघर्ष समिति की ओर से सीएमओ को भेजी जाएगी।
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