आजकलराजस्थान / जयपुर,
जयपुर, जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण के साथ-साथ अब प्रदेश के 15 यूआईटी क्षेत्रों के परिधीय क्षेत्र में कृषि भूमि पर भी स्कूल-अस्पताल और आवासीय योजना का निर्माण किया जा सकेगा। इसके लिए शासन ने नए नियम लागू करते हुए इनकी जमीन और सड़क से दूरी तय कर दी है। ये निर्माण नगरीय क्षेत्रों की परिधीय नियंत्रण पट्टी में आने वाले राजस्व गांवों की आबादी के अंतिम छोर से 500 मीटर की परिधि में किए जा सकेंगे।
अभी तक नगरों के परिधीय क्षेत्र में ऐसे निर्माण नहीं किए जा सकते थे। अब इस परिधि में होने वाले सभी निर्माणों पर भूमि रूपांतरण के लिए नए नियम लागू होंगे। मसलन, यदि इस क्षेत्र में डिस्पेंसरी का निर्माण करना है तो इसके लिए भूखंड का न्यूनतम आकार 200 वर्गमीटर होना जरूरी है और सड़क से इसकी दूरी 30 मीटर होनी चाहिए। इससे कम आकार होने पर नियमन नहीं हो सकेगा।
जोनल प्लान में करना नए पट्टों का उल्लेख
मास्टर प्लान के तहत शहरों के परिधीय क्षेत्र में ये निर्माण तभी किए जा सकेंगे, जब उनके भूखंड का आकार नई शर्तों के अनुसार होगा। इसके अलावा भूखंडों के सामने सड़क की चौड़ाई भी न्यूनतम मानदंडों के अनुसार होनी चाहिए। नए जारी पट्टे या भू-रूपांतरण का नए बन रहे जोनल प्लान में भी उल्लेख आवश्यक होगा।
भूमि के ले आउट प्लान में विवाद होने पर फाइल भेजनी होगी जयपुर
किसी भी भूमि के ले आउट प्लान के अनुमोदन के संबंध में विवाद या टकराव होने पर चीफ टाउन प्लान जयपुर को तकनीकी अनुमोदन के लिए वह प्रकरण जयपुर भेजना होगा। राजस्व गांव की आबादी के अंतिम छोर से 500 मीटर की परिधि क्षेत्र में ही ये नियम लागू होंगे। सभी कैटेगरी के लिए तय अधिकतम क्षेत्र से अधिक भूमि होने पर भू उपयोग परिवर्तन आवश्यक होगा।
अस्पताल के लिए एक हजार वर्गमीटर का भूखंड जरूरी संस्थान का प्रकार भूखंड का आकार (वर्ग मी. में) रोड की चौड़ाई नर्सरी स्कूल 500 से 1,000 30 फीट प्राइमरी स्कूल 750 से 1,500 30 फीट सैकंडरी स्कूल 1,000 से 5,000 40 फीट सीनियर सै. स्कूल 1,500 से 10,000 60 फीट डिस्पेंसरी 200 से 1,500 30 फीट नर्सिंग होम 750 से 10,000 40 फीट हाॅस्पिटल 1,000 से 10,000 60 फीट आवासीय 500 से 50,000 टाउनशिप पाॅलिसी 2010 या प्रचलित प्रावधान