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उच्च शिक्षा विभाग के नियम में उलझे प्रदेश के 15 लाख विद्यार्थी

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सीकर. उच्च शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षाओं को अनलॉक करने के लिए जारी गाइडलाइन ने प्रदेश के विद्यार्थियों की मुसीबत और बढ़ा दी है। खुद विद्यार्थियों की ओर से सरकार की नीति पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार ने द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराने का ऐलान किया है। जबकि नया शैक्षिक सत्र दस जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों की पीड़ा है कि वह अब वह कौनसे वर्ष की पढ़ाई करें…। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार जब तृतीय वर्ष की परीक्षाएं इसी महीने करा सकती है तो अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए इतना समय क्यों दिया गया है। इसके अलावा छात्र संगठनों की ओर से पहले वैक्सीनेशन कराने और इसके बाद ही परीक्षाएं कराने की मांग भी की जा रही है। इस मामले में अब प्रदेशभर के विद्यार्थी लामबंद होने भी लगे है। विद्यार्र्थियों ने जल्द आंदोलन करने का ऐलान भी किया है।———————यह बताया फॉर्मूला और विद्यार्थियों की यह पीड़ा:———————-प्रथम वर्ष:स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10 वीं एवं 12 परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जाएगा। विद्यार्थियों को दस जुलाई से अगली कक्षाओं में प्रवेश देना शुरू कर दिया जाएगा। स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों को अस्थाई रूप से अगली कक्षा में प्रवेश इसी महीने दिया जाएगा। हालात सामान्य होने पर परीक्षाएं कराकर दिसम्बर तक परिणाम घोषित किया जाएगा। विद्यार्थियों का तर्क है कि स्नातकोत्तर वाले विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जान चाहिए था।———————द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्षस्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। दस जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू होगी। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सुविधानुसार ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर कराई जाएगी। परिणाम 31 दिसम्बर तक जारी करने का दावा किया गया है। स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई या अगस्त महीने में कराई जाएगी। परिणाम 30 सितम्बर तक जारी करने का दावा किया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि पहले वैक्सीनेशन के इंतजाम सरकार को करने चाहिए।———————-परीक्षाओं के बाद शुरू हो नया सत्र: विद्यार्थी परिषदकॉलेज शिक्षा की ओर से एक तरफ दस जुलाई से नया सत्र शुरू करने की तैयारी है। जबकि द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराने की बात कही है। इस कारण प्रदेशभर के विद्यार्थी अजीब दुविधा में फंसे हुए है। उच्च शिक्षा विभाग को पुराने सत्र की परीक्षाएं होने के बाद ही नए सत्र की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।मनोज धानियां, जिला प्रमुख, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद——————–पहले वैक्सीनेशन फिर हो परीक्षाएं: एसएफआईउच्च शिक्षा विभाग के फॉर्मूले ने विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ा दी है। सरकार को इसमें कई बदलाव करने चाहिए। अभी तक ज्यादातर युवाओं के वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए अलग से पॉलिसी बनानी होगी। एक समय में विद्यार्थी एक ही ईयर की पढ़ाई कर सकता है। ऐसे में पहले पुराने सत्र की परीक्षा करानी होगी। इसके बाद नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो।विजेन्द्र ढाका, जिला सचिव, एसएफआई

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