आजकल राजस्थान /जयपुर
राजावास (चौमू)से गुजर रही हिंदुस्तान पेट्राेलियम की पाइप लाइन काे लीकेज करके पिछले 2 -3साल से राेजाना 5 हजार लीटर डीजल चाेरी हाेने के मामले में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कम्पनी HPCL के अधिकारियाें में हड़कंप मच गया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि गिराेह के सरगना बलजीत सिंह और उसके पार्टनर अंकित व सरदार ने चाेरी के डीजल के प्रेशर नियंत्रण करने के लिए एक कंट्राेल रूम बना रखा था।कंट्राेल रूम से आधा मीटर की प्लास्टिक की पाइप लाइन डालकर दाे गाेदाम में लाइन बिछा रखी थी।
चाेरी के डीजलकाे आराेपी अजमेर, बूंदी, सीकर और झुंझुनूं के 25 पेट्राेल पंप काे सप्लाई देते थे। पेट्राेल पंप संचालकाें से एक पिकअप की सप्लाई देने पर उनसे गिराेह के सरगना 1 लाख रुपए से 1.50 लाख रुपए तक वसूल करते थे। पेट्राेल पंप संचालक वाहन चालकाें काे पूरी रेट में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे।
पुलिस ने उन पेट्राेल पंप काे चिन्हित कर लिया है। पुलिस का दावा है कि इस मामले में पेट्राेल पंप संचालकाें की गिरफ्तारी तय है। आराेपियाें ने कंट्राेल रूम में प्रेशर काे नियंत्रण करने के लिए एक रेगुलेटर जमीन में दबा रखा था। हालांकि वह पुलिस और एचपीसीएल कंपनीके अधिकारियाें काे नहीं मिला।
पुलिस गिरफ्तार आराेपी हरमाड़ा निवासी धर्मेन्द्र सिंह, झुंझुनूं निवासी दिनेश मीणा, बालाजी विहार काॅलाेनी राजावास निवासी ओमप्रकाश शर्मा और चाैमू निवासी शिंभू सैनी से पूछताछ कर रही है।
राेजाना तीनाें गाेदाम से 5-6 पिकअप में चाेरी के डीजल के ड्रम भरकर सप्लाई किया जाता था। जबकि सप्ताह में दाे दिन पिकअप के साथ 2 हजार लीटर का टैंकर भरकर भी चाेरी के डीजल की सप्लाई दी जाती थी।
पुलिस सरगनाओं की तलाश कर रही है।डीसीपी विकास शर्मा ने बताया कि चाैमू थाने में तैनात कांस्टेबल राजेश काे सूचना मिली थी कि राजावास की किसी काॅलाेनी में से अवैध रूप से डीजल भरकर सीकर की तरफ जाता है। कांस्टेबल ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियाें से शेयर की थी। इसके बाद मंगलवार देर रात काे राजावास पुलिया के निकट एक पिकअप काे राेका गया और उसमें डीजल भरा हुआ था।
300 मीटर का एरिया छान मारा -एचपीसीएल के अधिकारियाें ने डीजल चाेरी का भंडाफाेड़ हाेने के बाद माैके पर गुरुवार काे पुलिस के साथ में एचपीसीएल के दिल्ली और जयपुर ऑफिस से अधिकारी पहुंच गए। घटनास्थल के आस-पास में करीब 300 मीटर के एरिया में पाइप लाइन के पास जेसीबी से कई जगह खुदाई कराई गई। लेकिन डीजल चाेरी करने की और काेई पाइप लाइन नहीं मिली।चाेरी-सप्लाई का 3 स्टेज सिस्टम गिराेह के सरगना बलजीत और उसके साथियाें ने एचपीसीएल की पाइप लाइन से करीब 50 मीटर दूर एक गाेदाम एक गाेदाम बनाया। पाइप लाइन काे लीकेज किया गया और छह फीट गहरा गड्डा खाेदकर कट्टाें व लकड़ियाें से सुरंग बनाई गई। सुरंग के अंदर आधा इंच माेटी लाेहे की पाइन डाली गई। इस पाइल लाइन काे एचपीसीएल कंपनी की पाइप लाइन से जाेड़ी गई और गाेदाम तक लाया गया। गोदाम में प्रेशर नियंत्रण के लिए रेगुलेटर लगाया गया। यहां पर डीजल चाेरी किया जाता था और प्रेशर नियंत्रण किया जाता था। लाइन से करीब 70 मीटर दूर दाे घराें में बने गाेदाम तक 11 फीट गहरा गड्डा खाेदा गया और प्लास्टिक पाइप लाइन डालकर आधा इंच माेटी पाइप लाइन से जाेड़ा गया। इसके बाद तीनाें गाेदाम में डीजल चाेरी करने लगे।
पाइन लाइन डालने के बाद आराेपियाें ने उस पर पेड़-पाैधे लगा दिए थे।
चोरों ने बनाई अपनी तेल कंपनी , अपने कर्मचारी और अपनी डिलेवरी
बलजीत और उसके साथियाें ने डीजल चाेरी करने और सप्लाई देने के लिए तीन स्टेज बना रखे थे। डीजल चाेरी करके ड्रम में भरने के लिए पांच कर्मचारी रख रखे थे। यह कर्मचारी पिकअप में चाेरी के डीजल के ड्रम भरकर मुकेश काे साैंप देते थे। मुकेश पिकअप काे धर्मेन्द्र और दिनेश मीणा देता था। दूसरे जिले तक पिकअप पहुंचाने के लिए धर्मेन्द्र व दिनेश ने शिंभू काे नियुक्त कर रखा था।