आजकल राजस्थान / सीकर।
ठगी करने के लिए जालसाज लोग किस किस तरह से लोगों को फँसाते हैं ।इनकी वीं बानगी सीकर में देेेखनेको मिली ।
एक शातिर ने ऐसा जाल बिछाया कि सुनकर पुलिस भी हैंरत में आ गई। किसी को शक नहीं हो इसके लिए आरोपी फर्जी थानेदार बना। इसके लिए बाकायदा उसने पहले तो पुलिस की वर्दी सिलवाई और फिर इसमें तारे जडऩा सीखा। हुलिए से पकड़ में नहीं आ सके। इसलिए पैसे देकर नाई से पुलिस जैसा दिखने वाली विशेष कटिंग बनवाई। इसके बाद लोगों को झांसा दिया कि एक के बाद एक से 13 लाख रुपए ठग लिए।
पुलिस ने हीरामल की ढाणी के आरोपी मनोज गुर्जर को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है। सदर थानाधिकारी करन सिंह खंगारोत ने बताया कि मनोज की गिरफ्तारी के बाद अनुसंधान करने पर पता चला कि पिछले साल हुई पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान थानाधिकारी की वर्दी सिलवाकर इसने ठगी की शुरूआत की थी। इससे पहले आरोपी ने अपने आप को परखने के लिए एक शादी-समारोह में भी पहुंचा। ताकि पुलिस की वर्दी में देखकर लोग विश्वास कर सकें व उसकी पहचान लोगों में एक थानेदारकी बन जाए।लोग मानने लगेें कि वह जरूर किसी थाने का थानेदार है। क्योंकि इसी पोस्ट के तारे लगे देखकर कई लोग गच्चा खा गए और इसके बाद आरोपी के दोस्त ने मनोज का पुलिस में झूठा-सच्चा रूतबा बताकर कई युवाओं से रुपए ठग लिए कि उसकी जान-पहचान होने के कारण वह उन्हें पुलिस भर्ती परीक्षा में पास करवा देगा।
इन रुपयों से मनोज व उसके साथी ने एक कार भी खरीद ली थी। लेकिन, इसके बाद जब मनोज अपनी महिला साथी सुमन के साथ कांस्टेबल रोहीताश के यहां रुपए लेने पहुंचा तो पुलिस ने उसको दबोच लिया।
फर्जी थानेदार बनकर देता था नौकरी दिलाने की झूठी गारंटी
नकली थानेदार बनने वाले आरोपी मनोज ने पुलिस को बताया कि वह 11वीं में फेल हो जाने के बाद ट्रक पर रहने लगा था। चार साल बाद पार्टनर के तौर पर एक गाड़ी खरीद ली और उसको कीरायेे पर चलाने लगा।
इसके बाद ट्रक को बेच दिया। जीप खराब होने पर जब वह उसको ठीक कराने मदन मिस्त्री के पास पहुंचा तो दोनों में जानकारी हो गई। उसने जुलाई में होने वाली पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में लडक़ों को पास कराने व नौकरी लगाने की झूठी गारंटी देकर रुपए हड़पने की योजना में मनोज को शामिल कर लिया और 11वीं फेल को नकली थानेदार बना दिया।पुलिस वाले को भी फांसा
आरोपी के साथ सुमन नाम की महिला ने बलात्कार के आरोप में कांस्टेबल रोहीताश मीणा को फांस रखा था। बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी की महिला साथी ने बयान बदलने के लिए कांस्टेबल से रुपयों की मांग की। रुपए लेने के लिए वह आरोपी मनोज को साथ लेकर कांस्टेबल के पास पहुंची थी। होटल चौमु टॉल टेक्स के पास सुमन व रोहीताश मिले तो पीछे से आकर पुलिस ने दोनों को दबोच लिया और विधाधर नगर थाना लेकर चली गई।
आरोपी का एक साथी पुलिस के हाथ लगने के बाद गिरफ्तारी से बचने मनोज ट्रेन पकडकऱ अहमदाबाद चला गया था। यहां 15 दिन रूकने के बाद वापस घर आ गया। रात को घर पर रूक जाता तो कभी-कभार आस-पड़ौस तथा रिश्तेदारी में जाकर छूप जाता था। जिसकी पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी। आरोपी सीकर की राधाकिशनपुरा कॉलानी में भी किराए का मकान लेकर रहा था। जबकि पुलिस उसके सुराग तलाशने में जुटी हुई थी।