आजकल राजस्थान / जयपुर।
स्कूली पाठ्यक्रम के मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में वाक युद्ध लगातार जारी है।प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर दोनों ही प्रमुख पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटी है। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का काम किया है। इंदिरा गांधी के इतिहास को सिलेबस से हटाया। पंडित जवाहर लाल नेहरू की फोटो को हटाया, साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इतिहास को भी पाठ्यक्रम में कम करने का काम किया गया। पुस्तकालयों का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय रखा गया। लेकिन कांग्रेस सरकार अब पाठ्यक्रम को सही करने के काम करने में लगी है।मंत्री डोटासरा ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपना जीवन देश सेवा को समर्पित किया लेकिन भाजपा ने उन्हीं के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का काम किया है। इतिहास के साथ छेड़छाड़ से इसका असर बच्चों की शिक्षा पर पढ़ता है। इसलिए कांग्रेस सरकार इस इतिहास को सही करने की काम करने में लगी है।नई सरकार ने आठवीं कक्षा की अंग्रेजी की किताब में बदलाव किया। जिसमें रानी के साथ अन्य वीरांगनाओं के साथ जौहर करने के चित्र को किताबों से हटा दिया। अब इस चित्र की जगह किताबों में दूर्ग का फोटो दिखाई लगाया गया। हालांकि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर काफी विवाद हुआ था। जिसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने कई राज्यों में पद्मावती की कहानी को पढ़ाने का निर्णय लिया था। इसके बाद प्रदेश में ‘अकबर’ के बाद ‘सावरकर’ को लेकर गहलोत सरकार और भाजपा के आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर के पाठ में बदलाव के बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलों के साथ आमने-सामने हो गए थे। इससे पहले डोटासरा ने कहा था कि पिछली सरकार ने पाठ्यक्रम में इस प्रकार का बदलाव किया। आजादी के समय में जिनका योगदान कम था व जो अंग्रेजों से पत्र लिखकर उनमें निष्ठा दिखाते व सरकार का साथ देने का वादा करते थे ऐसे वीर सावरकर जैसे लोगों को महिमामंडि़त कर दिखाया गया।