आजकल राजस्थान /जोधपुर,
जिले के डांगियावास थानान्तर्गत सालवा कलां गांव स्थित चार सौ वर्ष पुराने मठ की जमीन की खुदाई में पौराणिक चांदी के सिक्कों की तलाश मंगलवार को ग्रामीण दूसरे दिन भी करते रहे। गांव की महिलाएं व बच्चों ने मठ की जमीन खुदाई की और मिट्टी छानकर सिक्के तलाशते रहे। पुलिस का कहना है कि दूसरे दिन किसी ग्रामीणों को कोई सिक्के नहीं मिले हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सालवां कलां में चार सौ वर्ष पुराने महादेव के मठ के भूखण्ड की चार दीवारी निर्माण के लिए खुदाई कर मिट्टी बाहर निकाली गई थी। जो भूखण्ड के बीच में डाल दी गई थी। इस मिट्टी में से बड़ी संख्या में चांदी के पौराणिक सिक्के बाहर निकले थे। जो तीन सौ साल पुराने मुगलकालीन चांदी के सिक्के थे। बड़ी संख्या में ग्रामीण इन सिक्कों को घर ले गए। इस बारे में पता लगने पर स्थानीय पुलिस मठ पहुंची और लोगों को वहां से हटाया। पुलिस जीप के थाने लौटते ही ग्रामीण फिर जमा हो गए और गड्डे खोदना व मिट्टी को छाननी शुरू कर दी।
गांव की महिलाएं व बच्चे मंगलवार सुबह-सुबह फिर से मठ पहुंच गईं। उन्होंने मठ परिसर की जमीन में गड्डे खोदने शुरू किए। शाम तक महिलाएं व बच्चे गड्डे खोदते रहे। कई लोगों को दूसरे दिन भी चांदी के सिक्के मिलने की सूचना है, लेकिन डांगियावास थानाधिकारी हरीश सोलंकी का दावा है कि ग्रामीण सिक्के निकालने के लिए प्रयास तो अवश्य कर रहे हैं, लेकिन अब उनको कोई सिक्के नहीं मिले रहे हैं।
सूचना के बावजूूू ददपुरातत्व विभाग नहीं पहुंचा
सिक्के मिलने की सूचना के पहले दिन सूचना के बावजूद पुरातत्व विभाग का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। डांगियावास थाना पुलिस ने कार्रवाई के लिए पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा है। पुलिस का कहना है कि जिस जगह सिक्के निकले हैं वो निजी जमीन है। ऐसे में जिला कलक्टर के बगैर निर्देश पर विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।