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नवनिर्वाचित सांसद दिल्ली पहुंचे , मोदी कैबिनेट में जगह बनाने के लिए कर रहे प्रयास

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जयपुर।
राजस्थान ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से छीनकर कांग्रेस को राज्य की सत्ता सौंप दी थी अब राजस्थान ने लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok Sabha Election 2019 ) में फिर भाजपा की झोली ठसाठस भर दी है। ऐसे में राजस्थान की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि केंद्र सरकार के गठन में उसे उचित जगह मिले, यहां से चुनकर गए प्रतिनिधियों को उचित संख्या में प्रभावी जिम्मेदारियां मिलें। इसके लिए मशक्कत शुरू भी हो गई है। ज्यादातर नवनिर्वाचित सांसद दिल्ली पहुंचकर डेरा डाल रहे हैं। गुणा-भाग लगा रहे हैं कि उन्हें  केबीनेट में जगह मिल जाए।
पिछली केेंद्र सरकार में चार मंत्री, चारों जीते अब कौन बनेगा कैबिनेट मंत्री

राजस्थान से मोदी केबिनेट ( Narendra Modi Cabinet ) में अभी 4 मंत्री थे और चारों वापस जीते हैं। चारों की ही जीत बड़ी रही है। इनकी दावेदारी इस बार फिर उभर रही है। इनके अलावा 8 अन्य सांसद भी किसी न किसी रूप में मंत्री पद के दावेदारों में माने जा रहे हैं। चुनाव नतीजों के बाद राज्य में अब सबसे बड़ी चर्चा यह है कि इस बार केन्द्र में केबिनेट का दर्जा किसे मिलेगा। राजस्थान ने लगातार दूसरी बार पूरे 25 सांसद भाजपा को दिए हैं तो किसी न किसी सांसद को यह दर्जा मिलना तय माना जा रहा है। इनमें सबसे मजबूत दावेदारी गजेन्द्र सिंह शेखावत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की मानी जा रही है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ( Rajyavardhan Singh Rathore )प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ खेल, युवा, सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे हैं।अभी जयपुर ग्रामीण से विधायक और एथलीट कृष्णा पूनिया को हराकर फिर एक बार फिर अच्छे मतों से जीत हासिल की है।
गजेन्द्र सिंह शेखावत ( gajendra singh shekhawat ) मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में कृषि राज्य मंत्री रहे। जोधपुर सीट पर सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव को हरा चुनाव जीता है। pm मोदी पी अमित शाह से अच्छे सम्बन्ध हैंै। मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शेखावत के प्रचार के लिए जोधपुर आए थे। राजस्थान में एकमात्र यही सीट है, जहां दोनों बड़े नेता प्रचार के लिए आए। विस चुनाव से पहले शेखावत का नाम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी जोर-शोर से चला था।
अर्जजु ननमेघवाल और pp चौधरी

इनके अलावा राज्य से अर्जुनराम मेघवाल (बीकानेर) और पीपी चौधरी (पाली) का नाम भी मंत्री पद के दावेदारों में प्रमुखता से माना जा रहा है। मेघवाल संसदीय कार्य राज्य मंत्री और चौधरी कानून राज्य मंत्री रहे हैं। पिछले कामकाज को आधार बनाया जा सकता है।

हनुमान बेनीवाल ( hanuman beniwal ) को भी मिल सकता है मौका

आरएसएस  की पसंद में गजेन्द्र सिंह शेखावत, हनुमान बेनीवाल, कैलाश चौधरी का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। वर्ष 2014 के बाद अब 2019 में भी संघ ने भाजपा को जिताने और मोदी को पीएम बनाने के लिए खासी मेहनत की है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी मोदी सरकार के गठन में संघ की राय को महत्वपूर्ण जगह  मिलेगी। प्रदेश में एक सीट पर हुए गठबंधन में भी संघ की अहम भूमिका रही है। भाजपा ने गठबंधन के तहत नागौर सीट आरएलटीपी को दी। यहां से पार्टी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल लड़े और जीत गए।

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