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विरासत की सियासत के बाद अब होगा जातिय गढ़ों में घमासान

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आजकलराजस्थान /जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनावों के पहले चरण में 13 सीटों पर सोमवार को हुए मतदान ने विरासत की सियासत का भविष्य ईवीएम में बंद कर दिया है। अब 6 मई को होने वाले दूसरे चरण के चुनावों में जातीय गढ़ों में घमासान देखने को मिलेगा।राजस्थान में पहले चरण में हुए चुनावों में वैसे तो तेरह सीटों पर वोट पड़े लेकिन सबकी नजरें दो सीटों जोधपुर और झालावाड़-बारां पर सबसे ज्यादा टिकी रहीं। कारण-इन सीटों पर दो मुख्यमंत्री पुत्रों का चुनावी समर में होना। पश्चिमी राजस्थान में जैसे-जैसे सूरज ने आग उगलनी शुरू की वैसे-वैसे जोधपुर सीट पर सियासी पारा भी चढ़ता गया। भाजपा ने यहां नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं के जरिए अपनी ताकत झोंक दी। वहीं, गहलोत ने जोधपुर में ही 93 छोटे-बड़े कार्यक्रमों के जरिए अपने पुत्र की चुनावी किलेबंदी को मजबूत करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी।वहीं, झालावाड़-बारां से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और तीन बार के सांसद दुष्यंत सिंह चौथी बार चुनाव लड़े। राजे ने भी अपने पुत्र की चुनावी कमान अपने अनुभवी हाथों में रखी। जबकि मारवाड़ की ही बाड़मेर सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र भी पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव में उतरे।21% से 27 फीसदी तक की दलित आबादी वाले कई जिलों में 6 मई को होनी है वोटिंग 2011 की जनगणना के मुताबिक राजस्थान में दलितों की कुल आबादी- 1 करोड़ 22 लाख 21 हजार 593 है, जो राजस्थान की कुल जनसंख्या का 17.8 प्रतिशत है। राजस्थान के 12 जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर, चूरू, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, कोटा में दलित कुल आबादी का 20 फीसदी से ज्यादा हैं। प्रदेश के दलितों की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा श्रीगंगानगर में 36.6 प्रतिशत है। इसके बाद हनुमानगढ़ में 27.7%, बीकानेर 28.9%, चूरू 22.1%, करौली 24.3%, भरतपुर 21.9% है। ये सभी जिले दूसरे चरण के चुनाव में आते हैं। इन चुनाव क्षेत्रों में एससी की आबादी को देखते हुए बसपा ने भी अपनी ताकत अलवर, भरतपुर जैसी कुछ सीटों पर झोंक दी है।जाट हार्टलैंड नागौर और दौसा में भी अगले चरण में होनी है बड़े नामों के बीच टक्कर राजस्थान में एसटी जनसंख्या 92 लाख 16 हजार 312 है। प्रदेश में एसटी कुल आबादी का 13.5 प्रतिशत हैं। दौसा एसटी के लिए सुरक्षित सीट है। यहां भाजपा से जसकौर मीणा और कांग्रेस से सविता मीणा मैदान में हैं। पूर्वी राजस्थान के मीणावाटी क्षेत्र के दौसा, करौली-धौलपुर, सवाईमाधोपुर जिले विशेष असरदार हैं, इन तीन जिलों में मीणा कुल आबादी का 20 से 26% हैं। जाट हार्टलैंड नागौर के साथ ही शेखावाटी की तीनों जाट बहुल सीटों सीकर, चूरू और झुंझुनुं में भी छह मई को वोट पड़ेंगे। यहां हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में दूसरे चरण का चुनाव राजनीति के बड़े नामों की चमक से अलग जातिगत समीकरणों की बिसात पर लड़ा जाएगा।

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