आजकलराजस्थान / गंगापुरसिटी
भारतीय रेल अपने कर्मचारियों की ही नहीं अपितु भारतीय नागरिकों की जीवन रेखा है। रेल को बेचना देश को बेचने के समान है। यह बात शुक्रवार को वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने रेलवे में आगामी अगस्त माह में होने वाले यूनियनों की मान्यताओं के चुनाव के प्रचार की श्रृंखला में रेल कर्मचारियों से कैरिज विभाग में संपर्क अभियान के तहत कही।
नरेंद्र जैन ने कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फैडरेशन रेलवे को बिकने से बचाने के लिए आंदोलन की राह पर निकल पड़ा है।
लाल झंडे की यूनियन ने सरकार को आगाह किया है कि रेल बेचने के मंसूबों को बदल ले अन्यथा रेलवे में होने वाली देशव्यापी हड़ताल का सामना करने के लिए तैयार रहे। लोको शाखा अध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे के समक्ष चुनौतियां पैदा कर दी हैं।
यातायात शाखा अध्यक्ष हरिप्रसाद मीणा एवं टीआरडी शाखा कोषाध्यक्ष अब्दुल कासिम ने कहा कि इस आंदोलन में आम आदमी को भी शामिल होना चाहिए।
सभा से पूर्व रेल कर्मचारी और यूनियन कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार द्वारा रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण के प्रयासों के विरोध में नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस अवसर पर संतोष झा, रहमतुल्लाह खान, मनोज कुमार, हरिमोहन मीणा, विजेंद्र मीना, अजय कुमार गुर्जर, तरुण यादव, राय सिंह मीणा, कुबेर सिंह मीणा, सद्भाव आर्य, आदि मौजूद रहे।