हाइसिक्योरिटी जेल : बंदियों की बैरक में फिर मिले मोबाइल, राजस्थान कारागार अधिनियम में मुकदमा दर्ज
आजकलराजस्थान / अजमेर. घूघरा स्थित हाइसिक्योरिटी जेल में बंदियों की बैरक से मोबाइल फोन मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बंदियों की बैरक के औचक निरीक्षण में जेल प्रहरी ने दो मोबाइल बरामद किए। जेल प्रशासन ने मामले में सिविल लाइन्स थाने में राजस्थान कारागार अधिनियम में मुकदमा दर्ज करवाया है।पुलिस के अनुसार जेल प्रहरी जयपुर पनियाला बनेड़ी हाल हाइसिक्योरिटी जेल निवासी प्रकाशचंद (27) पुत्र श्यामलाल मेघवाल ने रिपोर्ट दी कि 27 अप्रेल को जेल में औचक निरीक्षण किया। इसमें हार्डकोर बंदी संजय पुत्र प्रकाशचंद मीणा और दिनेश पुत्र शिव सिंह की बैरक में मोबाइल फोन, चार्जर व सिमकार्ड बरामद किया। मोबाइल फोनो बरामदगी को जेल प्रशासन ने संजय मीणा व दिनेश सिंह के खिलाफ राजस्थान कारागर अधिनियम में मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
क्यों बंद हैं जैमर
हाइसिक्योरिटी जेल में लाखों रुपए कीमत के जैमर लगाए गए है जो लम्बे समय से बंद पड़े है। जेल मुख्यालय ने भी जैमर की बजाय अब जेल में एसटीडी बूथ व्यवस्था लागू करने की पहल की है, ताकि बंदियों को अपनों से बात करने में मोबाइल फोन का चोरी छिपे इस्तेमाल न करना पड़े। बीते कुछ दिन में लगातार घटना है जिसमें हाइसिक्योरिटी जेल में बंदी के बैरक में मोबाइल मिला है।
मुख्य आरोपी है मीणा
हाइसिक्योरिटी जेल में विचाराधीन बंदी संजय मीणा पुलिस के बर्खास्त सिपाही व हिस्ट्रीशीटर धर्मेन्द्र चौधरी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। संजय मीणा ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इंडोर स्टेडियम के सामने धर्मेन्द्र चौधरी की गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस को शक है कि मीणा हाइसिक्योरिटी जेल में रहकर फिर अपने गैंग को सक्रिय करने में जुटा है।मुख्य आरोपी है मीणा
हाइसिक्योरिटी जेल में विचाराधीन बंदी संजय मीणा पुलिस के बर्खास्त सिपाही व हिस्ट्रीशीटर धर्मेन्द्र चौधरी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। संजय मीणा ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इंडोर स्टेडियम के सामने धर्मेन्द्र चौधरी की गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस को शक है कि मीणा हाइसिक्योरिटी जेल में रहकर फिर अपने गैंग को सक्रिय करने में जुटा है।
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