- Advertisement -
HomeNewsAajkal Bharatमृत्यु भोज नहीँ करने को भाई नहीं माने तो कलेक्टर से शिकायत...

मृत्यु भोज नहीँ करने को भाई नहीं माने तो कलेक्टर से शिकायत कर रुकवा दिया पिता का मृत्युभोज

- Advertisement -

आजकलराजस्थान / छोटीसादड़ी.

कारूंडा गांव के गोपाल लाल पाटीदार ने अपने पिता प्यारचंद का मृत्युभोज रुकवा दिया। पिता प्यारेचन्द की मौत पर पहले उसने अपने पांचों भाइयों को मृत्युभोज नहीं करने के लिए समझाया, लेकिन वे नहीं माने और मृत्युभोज करने की तैयारी शुरू कर दी। गोपाल लाल ने इसकी शिकायत कलेक्टर से कर दी। कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने पांचों भाइयों को मृत्युभोज नहीं करने के लिए पाबंद किया है। प्यारचंद पाटीदार की 25 अप्रैल को मौत हो गईथी। प्रशासन का कहना है किगांवों में कई लोग कर्ज लेकर मृत्युभोज करते हैं।ऐसी कुरीति खत्म करने की जरूरत है।परिवार पर भारी पड़ता है मृत्यु भोजः गोपालगोपाल का कहना है कि मृत्युभोज का खर्च कई बार कर्ज लेकर करना पड़ता है। कर्ज लेकर मृत्युभोज करने वाले परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय हो जाती है। मृत्युभोज जैसे दिखावे की जगह किसी स्कूल या अस्पताल में रुपए दान कर कुछ निर्माण करवा दिया जाए, जो लोगों के उपयोग में तो आ सके। यही मरने वाले को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी। पाटीदार समाज के अध्यक्ष ताराचंद पाटीदार का कहना है कि अलग-अलग गांवों में समाज की बैठक कर सभी समाजजनों को मृत्युभोज नहीं करने के लिए जागरूक करने का प्रयास करेंगे।यह है मृत्यु-भोज निषेध कानूनराजस्थान मृत्यु-भोज निषेध अधिनियम 1960 के तहत यह दंडनीय अपराध हो गया है। राजस्थान मृत्यु-भोज निषेध अधिनियम की धारा 2 में लिखा है कि कोई भी व्यक्ति अपने परिजनों या समाज या पंडों, पुजारियों के लिए धार्मिक संस्कार या परंपरा के नाम पर मृत्यु-भोज नहीं करेगा। धारा 3 में लिखा है कि कोई भी व्यक्ति मृत्यु-भोज न तो करेगा, न जीमण में शामिल होगा न भाग लेगा। धारा 4 में लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति धारा 3 में लिखित मृत्युभोज का अपराध करेगा या मृत्युभोज करने के लिए उकसाएगा, सहायता करेगा, प्रेरित करेगा तो उसे एक साल की जेल या फिर एक हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है।

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -