आजकल राजस्थान /जोधपुर।
ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर टि्वटर के सीईओ जैक डोरसे के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में पुलिस ने जांच रिपोर्ट बुधवार को हाईकोर्ट में पेश की। जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को मुकर्रर की है।ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे के खिलाफ जोधपुर की अदालत ने गत दिसंबर 2018 में माइक्रोब्लॉगिंग साइट के प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। एक वायरल फोटोग्राफ के संबंध में मानहानि का मामला भी दर्ज किया गया था। नवंबर 2018 में भारत दौरे पर आए डोरसे ने महिला कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के साथ एक फोटो हाथ में लेकर तस्वीर खिंचवाई थी, जिस पर ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ो’ नारा लिखा था। इस पोस्टर के वायरल होने के बाद कुछ यूजर्स ने डोरसे पर कट्टरता और नस्लवाद के आरोप लगाए थे। विप्र फाउंडेशन द्वारा ट्विटर सीईओ और अन्य के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया।कोर्ट ने गत सुनवाई पर जांच अधिकारी को अनुसंधान पूरा कर जांच रिपोर्ट 15 मई तक पेश करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के पालन में पुलिस की ओर से जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की गई। परिवादी राजकुमार शर्मा की ओर अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने सुनवाई के दौरान मामले में की जा रही धीमी जांच की ओर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया। सुनवाई के दौरान डोरसे की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महेश जेठमलानी व अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी उपस्थित थे।