आजकल राजस्थान / जयपुर.
प्रदेश में सरकार बदलने के साथ स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव का मद्दा मंगलवार को और गहरा गया। पूर्व विधायक दीयाकुमारी और शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ट्विटर पर आपस में भिड़ गए। सरकार ने एक किताब से जौहर का चित्र हटाकर केवल दुर्ग का चित्र लगा दिया है। दीया ने इसे सुनहरे इतिहास का अपमान बताया जबकि डोटासरा ने दावा किया कि हम साक्ष्यों के आधार पर सुधार कर रहे हैं। वहीं राजपूत समाज का कहना है कि इतिहास से छेड़छाड़ कर रहे शिक्षा मंत्री के खिलाफ व्यापक स्तर पर पूरे देश में आन्दोलन करेगी।
आठवीं कक्षा में अंग्रेजी विषय की किताब के पहले अध्याय में अब तक रानी पद्मावती और अन्य महिलाओं के जौहर का चित्र था। इसे सरकार ने इस बार हटा दिया है। इसकी जगह अब केवल दुर्ग का चित्र लगाया गया है। भाजपा नेताओं ने इसे सतीत्व का अपमान बताया है। वहीं, सावरकर और महाराणा प्रताप सहित अन्य के जीवन चरित्र को लेकर किए गए बदलाव का विरोध किया है।
श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि शिक्षामंत्री का कहना है कि जौहर की तस्वीर से सती प्रथा को बल मिलता है। लेकिन, जौहर और सती प्रथा में फर्क होता है। सती प्रथा एक महिला मृत पति के साथ स्वयं को अग्नि को समर्पित करती है। जबकि इसके विपरीत जौहर अपनी मातृभूमि पर संकट आने पर स्त्रीत्व, सतीत्व, त्याग और बलिदान का प्रतीक होता है। इतिहास से छेड़छाड़ कर रहे शिक्षा मंत्री के खिलाफ करणी सेना अब व्यापक स्तर पर पूरे देश में आन्दोलन करेगी।दीया कुमारी ने ट्वीट किया
राजस्थान में कांग्रेस सरकार पाठ्यक्रमों में मनमाना बदलाव कर रही है। पहले वीर सावरकर, अब शौर्य के प्रतीक महाराणा प्रताप और सतीत्व की सर्वोच्च उदहारण रानी सती का अपमान कर रही है। यह वीर भूमि राजस्थान और हमारे सुनहरे इतिहास का अपमान है।
महारानी जी, #महाराणा_प्रताप महान थे और रहेंगे उनके पराक्रम को और अच्छे से लिखने का काम हमने किया है । जहां तक #सावरकर_जी का सवाल है तो इतिहास के पन्नों में दर्ज साक्ष्यों के आधार पर शिक्षाविदों की कमेटी ने यह बदलाव किया है।जहां तक #रानीसती जी की बात है तो हम अपनी छोटी बच्चियों… https://t.co/kkDC6lCzz4— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) May 14, 2019
डोटासरा का जवाब महारानी जी, महाराणा प्रताप महान थे और रहेंगे उनके पराक्रम को और अच्छे से लिखने का काम हमने किया है। जहां तक सावरकरजी का सवाल है तो इतिहास के पन्नों में दर्ज साक्ष्यों के आधार पर शिक्षाविदों की कमेटी ने यह बदलाव किया है। जहां तक रानीसती जी की बात है तो हम अपनी छोटी बच्चियों को जौहर करना नहीं सीखा सकते, यह प्रथा समूचे हिंदुस्तान में कानूनी रूप से बैन है। राजस्थान का इतिहास आप और हमसे पहले भी सुनहरा था और हमारे बाद भी रहेगा बस फर्क इतना है कि भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला समझ मनमर्जी से बदलाव किए थे जिसको अब ठीक किया जा रहा है।


बुधवार को सियासत और तेज हो गई। दीयाकुमारी और डोटासरा ने एक-दूसरे पर तंज कसे। इसी बीच पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी भी कूद पड़े।स्कूली पाठ्यक्रम की पुस्तक के कवर से जौहर की तस्वीर हटाने को लेकर बुधवार को दीयाकुमारी के ट्वीट पर डोटासरा ने जवाब दिया कि हम छोटी बच्चियों को जौहर करना नहीं सिखा सकते। इस पर दीयाकुमारी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। जवाब में शिक्षामंत्री ने भी दीया पर पलटवार किए। पूर्व शिक्षामंत्री देवनानी ने डोटासरा को घेरा तो उन्होंने उनको स्वयंभू प्रोफेसर बताते हुए चाटुकािरता न करने की सलाह दी।
दीया:जनता सब जानती है आप जैसों की मोहताज नहीं जनता सब जानती है। राजस्थान का इतिहास आप जैसे अनिभिज्ञों का मोहताज नहीं है। मैं हमारे मेवाड़ के मान के लिए, राजस्थान के इतिहास की शान के लिए आपके विरुद्ध हमेशा खड़ी रहूंगी।
डोटासरा:-राजकुमारी जी हर चीज पर राजनीति ठीक नहींएक्जेक्टली!!! राजकुमारी जी, जनता सब जानती है किसने स्कूली पाठ्यक्रम को आरएसएस की प्रयोगशाला बनाया और कौन अच्छी नीयत और ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हर चीज पर राजनीति ठीक नहीं।
दीया:दुष्कर्म जैसी शर्मसार करने वाली घटनाएं छुपाते हैंआप कहते हैं, छोटी बच्चियों को जौहर करना नहीं सिखा सकते, काश आप सती प्रथा व जौहर में अंतर समझ पाते! आप अलवर में सामूहिक बलात्कार जैसी शर्मसार करने वाली घटनाएं छुपाते हैं, वीर-वीरांगनाओं के इतिहास को बदलते हैं।
डोटासरा:-जो हुआ गलत हुआ, इसे बार-बार क्यों कुरेदते होजो हुआ बहुत गलत हुआ और दोषियों को सजा भी मिलेगी लेकिन क्या दलित महिला के साथ हुए कुकृत्य पर मरहम लगाने की बजाय उसे बार-बार कुरेदने का प्रयास किया जाना निंदनीय नहीं है ?
दीया:-क्या राहुल का अलवर आना भी कुरेदना है?जी,आपकी सरकार ने प्रशासन का गलत इस्तेमाल करके चुनावों के चलते इतनी जघन्य घटना को दबा दिया व आप हमें मरहम लगाने की नसीहत दे रहे हैं? फिर आपके अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलवर आगमन को भी जख्म कुरेदना कहा जाएगा? आंखें खोलिये,जनता को सब साफ दिख रहा है।
डोटासरा:-आपको किताबें भिजवा रहा हूं खुद देख लेंपाठ्यक्रम में बदलाव राजस्थानी संस्कृति का तो नहीं लेकिन आरएसएस के इरादों पर जरूर पानी फेर देने वाला है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के नाम में कोई कांट-छांट नहीं की गई है, बाकी आपके पास किताबें भिजवा रहा हूं। कृपया खुद देख लें।##
प्रताप पर भिड़े देवनानी औरडाेटासरा
देवनानी वीर-वीरांगनाओं के बलिदान का अपमान करके कांग्रेस अपने आलाकमान की चाटुकारिता करने में निम्न स्तर पर उतर गई है।डोटासरा देवनानी जी,आप मुझसे बड़े हैं, (स्वयंभू) प्रोफेसर हैं, आपके मुख से चाटुकारिता जैसे शब्द अच्छे नहीं लगते.. ख़ैर आपने बात छेड़ दी है तो कुछ दिन पुराना अखबार का टुकड़ा मिला, शेयर कर रहा हूं। (इसमें उन्हाेंने एक खबर पाेस्ट की जिसकी हेडिंग थी…देवनानी ने वाहवाही लूटने के लिए पुस्तक में से नेहरू के अंश हटाए)देवनानीआपने 7वीं की पुस्तक में लिखा राणा प्रताप ने हल्दीघाटी का युद्ध जीता,10वीं की पुस्तक में यह युद्ध अनिर्णित रहा और 12वीं की पुस्तक में लिखा है राणा प्रताप युद्ध हार गये। कौन सा इतिहास सरकार पढ़ाना चाहती है?डाेटासरादेवनानी जी, अपनी जानकारी थोड़ा दुरुस्त करिए, महाराणा प्रताप के शौर्य के बारे में आपसे अच्छा लिखा है हमने, किताबों में कुछ गलत नहीं है। हर जगह राजनीति अच्छी बात नहीं है। जनता पर भरोसा रखिये वो खुद फैसला कर लेगी कि कौन सिर्फ राजनीति कर रहे थे और कौन वास्तव में अच्छा काम कर रहे हैं।