आजकल राजस्थान/ जयपुर
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर ओलंपिक में भाग ले चुके दो अतंर्राष्ट्रीय खिलाडियों के बीच रोचक मुकाबला होगा। इस सीट पर भाजपा के कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और कांग्रेस की कृष्ण पूनिया के बीच सीधा मुकाबला है। जयपुर ग्रामीण लोकसभा से 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर राजनीति में उतरे कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड मोदी मंत्रिमंडल में सूचना व प्रसारण मंत्रालय राज्य मंत्री है। पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए फिर से उन्हें जयपुर ग्रामीण सीट पर उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने सादुलपुर से विधायक कृष्णा पूनिया को उनका मुकाबला करने के लिये चुनाव मैदान में उतारा है।
सादुलपुर विधानसभा से कांग्रेस टिकट पर विधायक बनी पूनिया ने बताया, ‘‘यह सही है कि हम एथेलिट है लेकिन यह लड़ाई दो विचारधाराओं की है। 2014 का लोकसभा चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा गया। झूठे वादे किये गये और झुमलेबाजी में समय निकल गया। मैं एक साधारण किसान परिवार से आई हूं और लोकसभा चुनाव में आम आदमी से जुडे मुद्दे मेरी प्राथमिकाओं में शामिल है।’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव लोकतंत्र की रक्षा के लिये है।समाज का हर तबका चाहे वो युवा हो, महिला हो, किसान हो विकास चाहता है और मुद्दे आधारित राजनीति चाहता है और केवल झुमलेबाजी नहीं चाहिए। किसानों को अपने उत्पाद का सही मूल्य और युवाओं को रोजगार चाहिए। मैं यह चुनाव उन्हीं वास्तविक मुद्दों पर लडूंगी जो आम आदमी से जुडे होंगे। 41 वर्षीय पूनिया, चूरू जिले के सादुलपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
जानें जयपुर ग्रामीण सीट के बारे में
साल 2008 के परिसीमन में जयपुर और अलवर जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट का गठन हुआ परिसीमन के बाद यहां हुए लोकसभा के दो चुनावों में 1 बार कांग्रेस और 1 बार बीजेपी का कब्जा रहा। यह सीट जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच पड़ती है। यह क्षेत्र ग्रामीण इलाकों में फैला है
2014 के लोकसभा चुनाव नतीजे
– 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सांसद रहे लालचंद कटारिया ने यह सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी के लिए छोड़ दी थी। मोदी लहर में कांग्रेस के हेवीवेट जोशी राठौड़ से यह चुनाव 3,32,896 वोट के भारी अंतर से हार गए। इस चुनाव में राज्यवर्धन राठौड़ को 6,32,930 और सीपी जोशी को 3,00,034 वोट मिले।
– मतदान – 59 फीसदी (बीजेपी को 62.4 फीसदी और कांग्रेस को 29.6 फीसदी वोट मिले)
जानें दोनों उम्मीदवारों के बारे में जिनमें हैं मुकाबला
– 49 वर्षीय राठौड ने 2004 के एथेंस ओलिंपिक में डबल ट्रैप शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था। वे हमेशा युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके सार्थक परिणाम देखने को मिले है।
– वहीं पदमश्री से सम्मानित कृष्णा पूनिया 2012 में लंदन ओलिंपिक गेम्स की डिस्कस थ्रो इवेंट में छठे नंबर पर रही थी और 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रही थीं। तीन ओलंपिक में भाग ले चुकी पूनिया ने 2013 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और 2013 में विधान सभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
– कृष्णा पूनिया राज्यवर्धन सिंह राठौर से पहले चुनावी मैदान में आ चुकी थीं। 2013 में उन्होंने चूरू के सादुलपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था मगर बहुजन समाज पार्टी के मनोज न्यांगली से चुनाव हार गई थी। हालांकि, 2018 विधानसभा चुनाव में कृष्णा पूनिया ने चुरू के सादुलपुर सीट से जीता है, जबकि राज्यवर्धन सिंह राठौर 2014 में लोकसभा जयपुर ग्रामीण सीट से जीते थे।
– 2014 में पोलिंग बूथ- 1844
2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे
आठ विधानसभा क्षेत्र के जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में वर्तमान में सत्तारूढ कांग्रेस का पांच सीटों पर कब्जा है। दो सीटों पर भाजपा और एक सीट पर निर्दलीय विधायक ने जीत दर्ज की थी। जबकि 2014 लोकसभा चुनावों में भाजपा के पास पांच सीटें और कांग्रेस के पास दो सीटें थी।
कुल मतदाता
– 2014 के आंकड़ों के मुताबिक जयपुर ग्रामीण सीट पर मतदाताओं की संख्या 16,99,462 है, जिसमें 9,06,275 पुरुष और 7,93,187 महिला मतदाता हैं।
जातीय समीकरण
– जाट समुदाय बहुल क्षेत्र में ब्राह्मण, यादव और अनुसूचित जाति के मतदाता भी है। जाट समुदाय से संबंध रखने वाली पूनिया के लिये जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण अनूकूल है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का हर समय क्षेत्र मे जनता सम्पर्क में रहना उनके पक्ष में है।
– कुल आबादी का 15.13 फीसदी अनुसूचित जाति और 8.83 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं।