आजकल राजस्थान ,अलवर
गोविन्दगढ़ के समीपवर्ती गांव न्याणा के एक गरीब महिला के बैंक खाते में 65 हजार रुपए की राशि आ गई। महिला ने सोचा जन धन योजना में खुले बैंक खाते में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से 65 हजार रुपए आए हैं। इस महिला ने इन पैसों को निकलवाकर जेवरात ओर फ्रिज खरीद लिया। ये रुपये इसी नाम की दूसरी महिला की थी जिसके पति का नाम भी एक जैसा ही है।
महिला के अकाउंट में पैसे बीते वर्ष सितंबर माह में आए थे। न्याणा गांव निवासी महिला ने ईमित्र बीसी के माध्यम से 65 हजार रुपए निकाल लिए । महिला का कहना है कि मैंने सोचा कि जनधन खाते में प्रधानमंत्री ने रकम डलवाई है। खुश होकर कानों के लिए आभूषण बनवाए और फ्रिज और घरेलू सामान खरीद लिया।
जब बैंक कर्मी और पुलिस महिला के घर पहुंची और सच्चाई बताई। महिला ने रोते हुए कहा कि मेरे पास देने के लिए पैसे नहीं है। दूसरी ओर पीडि़त महिला को मामले की जानकारी उस समय लगी तब वह पैसे निकलवाने के लिए ग्रामीण बैंक की शाखा में गई थी और बैंक कर्मियों ने उसके खाते में पैसे नहीं होने की बात कही।
गलत आधार नम्बर लिंक होने से महिला ने निकाले पैसे-
न्याणा में मोनिका नाम की 2 महिलाएं हैं। दोनों महिलाओं के पति के नाम भी सामान है। जब महिलाओं ने बैंक में आधार कार्ड लिंक करवाया गया था तो बैंक कर्मियों ने एक दूसरी महिला का आधार कार्ड लिंक कर दिया। महिला को यह जानकारी नहीं थी कि वह पैसे उसी के गांव की दूसरी मोनिका के ही है।
महिला यदि बैंक से निकलवाती तो सामने आता मामला- ईमित्र संचालक आधार कार्ड से अंगूठा लगवाकर पैसे निकालते हैं, जबकि बैंक वाले पैसे निकालते समय फोटो और हस्ताक्षर दोनों मैच करता है। अगर महिला बैंक से पैसे निकलवाती तो पकड़ी जाती।
क्या कहते हैं बैंक अधिकारी- डाटा सेंटर से रिपोर्ट निकलवा रहे हैं। अगर हमारे कर्मचारी ने गलत आधार कार्ड लिंक किया है,तो बैंक पूरा हर्जाना भरेगा। अगर ब्रांच से पैसा निकलता तो गलती की संभावना नहीं होती। पैसा ई मित्र से निकला है। बैंक पैसे निकालते समय फोटो तथा साइन मैच करते हैं। महिला को उसके पैसे हर हाल में वापस दिलाए जाएंगे। -शिवकुमार गोयल, ब्रांच मैनेजर, राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, गोविंदगढ़, अलवर।