आजकल भारत / नई दिल्ली
जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त भारी सुरक्षा बलों की तैनाती से अनेक आशंकाएं हो रही हैं।लोग कयास लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार राज्य से आर्टिकल 35A जल्द हटाने की कार्यवाही को जल्द अंजाम दे सकती है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात करने संबंधी केंद्र सरकार के निर्णय पर अफवाह फैलाने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा और सरकार को झूठ फैलाने की बजाए समन्वय स्थापित करना चाहिए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रैना ने टिप्पणी कर अब्दुल्ला पर आरोप लगाया था कि वह घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के केन्द्र के फैसले पर अफवाह फैलाकर लोगों में डर पैदा कर रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से जारी किए गए आदेश में विशेष कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी जैसे शब्दों का उल्लेख किया गया है। इस आदेश में दंगा नियंत्रण उपकरणों और बंदूकों की कमी का भी उल्लेख किया गया है।
उन्होंने कहा कि क्या हम कल्पना कर सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से इस प्रकार के आदेश जारी किए जाते हैं। भाजपा और केन्द्र सरकार को झूठ का सहारा लेने की बजाए बेहतर समन्वय स्थापित करना चाहिए। केन्द्र ने जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने और आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वहां दस हजार अतिरिक्त केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ( Ajit Doval) की दो दिन की जम्मू-कश्मीर यात्रा के बाद यह कदम उठाया गया है। गृह मंत्रालय के केन्द्रीय पुलिस बलों को जारी आदेश में राज्य में अद्र्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात करने को कहा गया है। इनमें से 50 कंपनी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल , 30 सशस्त्र सीमा बल और दस-दस सीमा सुरक्षा बल तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस की होंगी।