आजकल राजस्थान / अलवर।
अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीडि़ता को सरकारी नौकरी के लिए मंजूरी मिल गई है। अलवर गैंग रेप पीडि़ता को पुलिस में नौकरी देने पर कैबिनेट ने सर्कुलेशन से मंगलवार रात को मंजूरी दे दी। अब पीडि़ता को पुलिस कांस्टेबल बनाया जा सकेगा।
आपको बता दें कि पिछले दिनों में अलवर के थानागाजी क्षेत्र में दलित वर्ग की एक युवती से गैंगरेप हुआ था। लोकसभा चुनाव के दरम्यान हुई इस वारदात से देशभर की सियासत गरमा गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था, जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने नाराजगी जताते हुए सरकार से सख्ती से कदम उठाने के लिए कहा था।
पुलिस की कार्रवाई के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गैंग रेप पीडि़ता को पुलिस कांस्टेबल बनाने का प्रस्ताव रखा था। पीडि़ता की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने पीडि़ता के लिए भर्ती नियम में शिथिलता बरतने के प्रस्ताव तैयार किए, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया।
क्या था अलवर गैंगरेप मामला
अलवर के थानागाजी में 26 अप्रेल को विवाहिता के साथ चार दरिंदों ने पति के सामने गैंगरेप ( Alwar Gangrape ) की वारदात को अंजाम दिया था। गैंग रेप की शर्मनाक घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों में सबसे पहले अशोक और महेश ने दम्पति को सडक़ पर रोका था। उसके बाद दोनों ने अपने साथियों को बुलाकर उन्हें एकांत में ले गए और विवाहिता से पति के सामने ही बारी-बारी से गैंगरेप किया था। इसके बाद सबसे पहले 3 मई को आरोपी अशोक के मोबाइल से वीडियो वायरल किया गया था। इसके बाद इस वीडियो को मुकेश ने 4 मई को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।