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अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल : आनन्दपाल गैंग के कैदियों ने फिर की भूख हड़ताल

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आजकलराजस्थान / अजमेर।

हार्डकोर बन्दियों को अजमेर की हाइसिक्योरिटी जेल की सख्ती रास नहीं आ रही है। बीते चार दिन से ग्यारह हार्डकोर बंदी जेल बदलने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर है। इसमें से चार बंदियों को तबीयत बिगडऩे पर मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती करवाया गया। भूख हड़ताल पर बैठे शेष सात बंदियों को अभी हाइसिक्योरिटी जेल की बैरकों में रखा गया है।
घूघरा स्थित हाइसिक्योरिटी जेल में हार्डकोर बंदियों ने बीते चार दिन से भूख हड़ताल कर रखी है। पहले 30 मई को एक, फिर चार और अब 11 हार्डकोर बंदी भूख हड़ताल पर है। सोमवार रात हार्डकोर बंदी दीपक की तबीयत बिगडऩे पर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती करवाया गया। मंगलवार को जयपुर के हार्डकोर अपराधी आतिश गर्ग, सचिन उर्फ संदीप और रामदत्त को कड़े सुरक्षा घेरे में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया। जहां उन्हें कैदी वार्ड में रखा गया है। इधर हार्डकोर अपराधियों के उपचार के लिए अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती करवाए जाने पर वार्ड के बाहर सशस्त्र कमांडो तैनात किए गए है। कैदी वार्ड के आसपास आवाजाही पर भी अंकुश लगा रखा है।
बन्द्दीयो ने उपचार लेने से किया इन्कार

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती दीपक, आतिश, सचिन और रामदत्त ने अपनी मांगें माने जाने तक उपचार लेने से इन्कार किया है। चिकित्सकों ने भी बंदियों की मर्जी के बगैर उपचार शुरू नहीं किया। सात बैरकों में भूखेजेल सूत्रों के मुताबिक 29 मई को दीपक ने जेल बदलने की मांग करते हुए भूख हड़ताल की। इसके बाद तीन, फिर एक जून को 2 और 3 जून को 5 बंदियों गैंगस्टर आनंदपाल सिंह गिरोह के आजाद सिंह, सूरज गुर्जर, महिपाल सिंह उर्फ मोंटी, देवेन्द्र सिंह उर्फ गट्टू, गणेश मांजू ने भूख हड़ताल कर दी। जबकि हिस्ट्रीशीटर संजय मीणा व राजदिनेश मीणा भी मंगलवार को हड़ताल करते हुए जेल बदलने की मांग रखी। गौरतलब है कि तबादलों में राजस्थान पुलिस सेवा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्रसिंह को हाइसिक्योरिटी जेल के अधीक्षक पद पर लगाया था। सिंह की तैनाती के साथ ही हार्डकोर बंदियों पर पाबंदी व जेल मैन्यू के अनुसार खाना-पीना और अन्य सुविधा लागू कर दी। सख्ती लागू होते ही हार्डकोर बंदियों में असंतोष व्याप्त हो गया।
दूसरी मर्तबा हुई हड़ताल
इससे पहले गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह की फरारी के बाद पकड़े गए उसके गुर्गे व रिश्तेदारों के साथ उसके सहयोगियों ने मार्च- 2017 में जेल बदलने और निर्दोष व्यक्तियों को छोडऩे की मांग की थी। करीब दस दिन तक चली सामूहिक हड़ताल से पुलिस और जेल प्रशासन पर सुरक्षा का खासा दबाव में था। आखिर प्रशासन से बातचीत के बाद बंदियों के हाई सिक्योरिटी जेल में रखे जाने के नियम की समीक्षा की मांग मानी गई थी।
इनका कहना है…
जेल बदलने की मांग को लेकर 11 बंदियों ने भूख हड़ताल कर रखी है। जेल बदलना मुख्यालय के स्तर का काम है। समझाइश की कोशिश की गई। चार बंदियों की तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल में भर्ती करवाया है।
-नरेन्द्र सिंह, अधीक्षक हाइसिक्योरिटी जेल

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